दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित किया. केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत मिली है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केजरीवाल को गिरफ्तार करने में देरी की. जस्टिस खन्ना ने कहा, ‘अगस्त 2022 में ED ने ECIR दर्ज की… उन्हें (केजरीवाल) मार्च (2024) में अरेस्ट किया गया… डेढ़ साल तक वे वहां थे… गिरफ्तारी (चुनाव के) पहले या बाद में हो सकती थी. 21 दिन इधर-उधर होने से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए.’ जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुनाया तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ‘मुझे कोई ऐसा उदाहरण नहीं मिला जहां चुनाव प्रचार के लिए किसी व्यक्ति को रिहा किया गया हो.’ इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि ‘इसे ऐसे सरल, सीधे-सादे ढंग से न कहें. हम आदेश पारित कर रहे हैं.’ सुप्रीम कोर्ट का आदेश केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी राहत है. केजरीवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की 5 बड़ी बातें शुक्रवार को सुनवाई शुरू होते ही, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अमृतपाल सिंह का जिक्र किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामला अलग है. इसके बाद, जस्टिस खन्ना ने अंतरिम आदेश पढ़कर सुनाना शुरू किया. अदालत ने कहा, ‘हम अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का अंतरिम आदेश जारी करते हैं.’ केजरीवाल को राहत भरा फैसला सुनाते समय जस्टिस संजीव खन्ना ने गिरफ्तारी की टाइमिंग पर मौखिक टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी पिछले डेढ़ साल में कभी भी की जा सकती थी या फिर (चुनाव के) बाद में कर लेते. अब 21 दिन इधर-उधर होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. 2 जून को केजरीवाल सरेंडर करेंगे. एक दिन पहले ही, प्रवर्तन निदेशालय ने हलफनामा दायर कर कहा था कि और भी कई नेता न्यायिक हिरासत में हैं, केजरीवाल के साथ स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं होना चाहिए. ईडी ने कहा था कि किसी नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं मिली है, केजरीवाल तो चुनाव भी नहीं लड़ रहे. यहां तक कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को भी कस्टडी में होने पर अंतरिम जमानत नहीं मिलती. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि अगर केजरीवाल को प्रचार करने नहीं दिया गया जो आसमान टूट पड़ेगा. पिछले हफ्ते, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इशारा किया था कि वह केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे सकता है. हालांकि, तब कोर्ट ने कहा था कि अगर अंतरिम जमानत दी जाती है तो केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री अपनी ड्यूटी नहीं निभा सकेंगे. ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था. 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई शुरू की थी. केजरीवाल ने ईडी के हाथों गिरफ्तारी को चुनौती दी है. दिल्ली हाई कोर्ट से अपील खारिज होने के बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. केजरीवाल के खिलाफ ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच कथित शराब घोटाला केस में चल रही है. 2022 में दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना की शिकायत पर सीबीआई ने भी केस दर्ज किया था. आरोप है कि केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और अन्य AAP नेताओं ने कुछ शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए आबकारी नीति 2021-22 में छेड़छाड़ की.
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