प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को तीन चुनौतियां दी हैं। उन्होंने कहा कि पहली चुनौती यह है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी देश को लिखित में गारंटी दें कि वे संविधान बदलकर धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देगी। उन्होंने दूसरी चुनौती में कहा कि कांग्रेस सेना और उसके सहयोगी दल एससी, एसटी और ओबीसी को मिलने वाले अधिकारों में सेंधमारी नहीं करेंगे, और तीसरी चुनौती में यह कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस और उसके साथियों की सरकार है, वह कभी भी वोट बैंक की गंदी राजनीति नहीं करेगी और बैक डोर से ओबीसी का कोटा काटकर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देगी।
मोदी ने अपने भाषण में राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि शहजादे संविधान को माथे पर लेकर नाचने से बात नहीं बनती है, और कहा कि संविधान के लिए जीना और मरना सीखना है तो मोदी के पास आओ।
मोदी ने बताया कि जब उन्होंने 2014 में अपने बेटे को गुजरात से दिल्ली भेजकर देश की सेवा करने का आदेश दिया, तब देश के प्रधानमंत्री बड़े विद्वान अर्थशास्त्री थे, लेकिन उन्होंने छोड़ा तब देश दुनिया में 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था थी।
मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस के 60 साल के शासन में करीब 60% ग्रामीण आबादी के पास शौचालय नहीं था, जबकि भाजपा के 10 साल में शत प्रतिशत शौचालय बना दिए गए। उन्होंने कहा कि 60 साल में कांग्रेस ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, लेकिन करोड़ों गरीबों के बैंक खाते नहीं खोल पाई। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने 10 साल में 50 करोड़ से ज्यादा जनधन बैंक खाते खोले हैं।