राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेतड़ी के कोलियान खदान में लिफ्ट का रस्सा टूट जाने के कारण 14 लोग फंस गए थे. इनमें से अभी तक 10 लोगों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है और फंसे हुए अन्य 3 लोगों को निकालने के लिए अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इसके साथ ही मौके पर आसपास की सभी एम्बुलेंस भी मौजूद हैं. जिला चिकित्सक ने जानकारी देते हुए बताया कि खदान में फंसे सभी लोग सुरक्षित है. फंसे हुए लोगों की सकुशलता की कामना करते हुए राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा, “मैं, खदान में फंसे लोगों के सकुशल बाहर आने और रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द पूरा होने की कामना करती हूं.
” झुंझुनूं के खेतड़ी में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान खदान में हुए हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है. अभी तक फंसे हुए 14 में से 11 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है. सभी फंसे हुए लोगों को एक एक कर के बाहर निकाला जा रहा है. साथ ही बाहर निकाले गए लोगों का मौके पर ही मौजूद डॉक्टरों द्वारा प्राथमिक उपचार किया जा रहा है. बता दें कि घटना की जानकारी मिलने के बाद रेस्क्यू टीम द्वारा फंसे हुए लोगों तक खाना और दवाइयां भी पहुंचाई गई थीं. मशीन के पुराने होने की वजह से हुआ हादसा! बताया जा रहा है कि 1800 फीट की गहराई में जाते हुए लिफ्ट की रस्सी टूट गई थी और इस वजह से उसमें मौजूद 14 लोग फंस गए. जानकारी के मुताबिक हादसा मशीन के पुराने हो जाने के कारण हुए है. कोलकाता से विजिलेंस की टीम थी लिफ्ट में मौजूद थी. टीम जांच करने के लिए पहुंची थी. गौरतलब है कि हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड का मुख्य कार्यालय कोलकाता में है.
क्या है केसीसी झुंझुनूं जिले के खेतड़ी और आसपास के हिस्से में तांबे के बड़ा भंडार हैं. देश का 50 प्रतिशत तांबा इन्हीं पहाड़ों की खदान से निकाला जाता है. खनन का काम भारत सरकार के उपक्रम हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के अधीन है. खेतड़ी की इस माइंस को खेतड़ी कॉपर कॉर्पोरेशन यानी केसीसी कहा जाता है. यहां पहाड़ के नीचे खेतड़ी और कोलिहान क्षेत्र के 324 किमी के दायरे में 300 के आसपास भूमिगत खदानें हैं. यहां 102 मीटर की गहराई पर तांबा निकाला जाता है. ऐसे में यह देश की पहली सबसे बड़ी और सबसे गहरी तांबे की माइंस हैं. यहां से निकाले गए तांबे की गुणवत्ता के कारण यह लंदन मेटल एक्सचेंज की ए ग्रेड में शामिल है और इसी कारण देश में सुरक्षा उपकरण इसी तांबे से बनाए जाते हैं.