नई दिल्ली: वायनाड में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन की घटना के पूर्व केरल सरकार को मिली चेतावनी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दावों की सच्चाई की समीक्षा की गई है। संसद में अपनी टिप्पणी के दौरान, अमित शाह ने दावा किया कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस घटना से पहले केरल को समय पर और सटीक चेतावनी दी थी।
23 जुलाई की चेतावनी: अमित शाह के अनुसार, 23 जुलाई को चेतावनी को “बहुत भारी बारिश” में बदल दिया गया। IMD ने भी इस दिन केरल और महे के लिए 25 जुलाई को “बहुत भारी बारिश” की चेतावनी जारी की। इसके साथ ही 23-27 जुलाई के बीच “भारी बारिश” की संभावना की बात की गई थी, जिसमें केरल के लिए एक ऑरेंज अलर्ट था, जो उच्च जोखिम का संकेत था, लेकिन येलो वॉच अलर्ट के साथ भी था, जो कार्रवाई के लिए नहीं होता।
25 जुलाई की प्रेस विज्ञप्ति: अमित शाह का दावा है कि 25 जुलाई को चेतावनी को “भारी से बहुत भारी बारिश” में बदल दिया गया। IMD की 25 जुलाई की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि केरल और महे में 25-29 जुलाई के बीच भारी बारिश की संभावना है। हालांकि, इस दिन की चेतावनी मुख्य रूप से हल्की से मध्यम बारिश के बारे में थी, और इसमें कोई रेड अलर्ट नहीं था।
29 जुलाई की चेतावनी: शाह ने यह भी कहा कि 26 जुलाई को 20 सेमी से अधिक बारिश और संभावित भूस्खलन की चेतावनी दी गई थी। लेकिन IMD के 26 जुलाई की प्रेस विज्ञप्ति में केवल येलो वॉच अलर्ट था, जिसमें विशिष्ट चेतावनी नहीं दी गई थी। 29 जुलाई को IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया, लेकिन यह भूस्खलन के बाद का था।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का बयान: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि IMD और अन्य एजेंसियों द्वारा जारी की गई चेतावनियाँ सही नहीं थीं। उन्होंने 29 जुलाई को जारी ‘Experimental Rainfall Induced Landslide Forecast Bulletin’ साझा किया, जिसमें भूस्खलन की “कम संभावना” बताई गई थी।
विश्लेषण: अमित शाह के दावों में कुछ तथ्यात्मक विसंगतियां हैं। IMD की चेतावनियाँ समय पर थीं, लेकिन भूस्खलन से ठीक पहले रेड अलर्ट जारी नहीं किया गया, जो चेतावनी प्रणाली की सीमाओं को दर्शाता है। IMD की मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार, रेड अलर्ट केवल 48 घंटे पहले जारी किया जा सकता है, जिससे शाह के सात दिन पहले की चेतावनी देने के दावे की पुष्टि नहीं होती।
निष्कर्ष: वायनाड में भूस्खलन की घटना से पूर्व केरल को चेतावनी देने की सटीकता पर अमित शाह के दावे तथ्यात्मक रूप से सही नहीं पाए गए हैं। IMD की चेतावनियाँ और अलर्ट पूर्वानुमान में कुछ असंगतियाँ और समय की कमी को उजागर करती हैं, जो इस भूस्खलन की स्थिति को सटीक रूप से पूर्वानुमानित करने में चुनौतीपूर्ण रही।02:57 PM