पीएम मोदी के चुनावी संबोधन: कांग्रेस पर हमला और उनके सरकारी कार्यकाल का विश्लेषण

नई दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के तहत मतदान की तारीख 7 मई है। इस चरण के लिए प्रचार अभियान अपने जोर पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के आणंद में अपने प्रचार अभियान के तहत एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान विपक्षी दलों और खासकर राहुल गांधी पर हमला बोला।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को तीन चुनौतियां दी। पहली चुनौती में उन्होंने कांग्रेस से मांग की कि वे लिखित रूप में देश को गारंटी दें कि वे संविधान में धार्मिक आधार पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देंगे। दूसरी चुनौती में उन्होंने मांग की कि कांग्रेस देश में एससी, एसटी और ओबीसी को मिलने वाले अधिकारों में सेंधमारी नहीं करेगी। और तीसरी चुनौती में उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां वोट बैंक की गंदी राजनीति नहीं करेगी।

मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि शहजादे संविधान को माथे पर रखकर नाचने से कोई फायदा नहीं होता है, बल्कि संविधान के लिए जीना और मरना सीखना चाहिए।

मोदी ने कांग्रेस के शासन को “शासन काल” के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि 60 साल तक कांग्रेस के शासन में करीब 60% ग्रामीण आबादी के पास शौचालय नहीं था, जबकि उनके 10 साल के शासन में शत प्रतिशत शौचालय बन गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 60 साल में केवल 3 करोड़ ग्रामीण घरों तक ही नल से जल की सुविधा पहुंचाई, जबकि उनके 10 साल में 14 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचा गया।

मोदी ने धारा 370 को हटाने को “एक बड़ी उपलब्धि” बताया और कहा कि कांग्रेस के कारण दशकों तक देश के संविधान के साथ भंग की गई। उन्होंने कांग्रेस को विवादित ऐतिहासिक कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया और अपने स्वप्न को पूरा करने की कोशिश करने का आश्वासन दिया।

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