नई दिल्ली, 9 दिसंबर 2023: तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा को रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने, यानी Cash For Query मामले में घिरा जाने के बाद लोकसभा ने उनकी सांसदी खत्म करने का प्रस्ताव पास किया है. एथिक्स कमिटी की 500 पेज की रिपोर्ट के बाद हुई वोटिंग में विपक्ष ने बॉयकॉट किया, लेकिन प्रस्ताव पास हो गया.
रिपोर्ट के आधार पर एथिक्स कमिटी ने महुआ मोइत्रा को दो व्यक्तियों की लिखित गवाही पर आधारित रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. मोइत्रा ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उन्हें बिना सबूत के सजा दी जा रही है और एथिक्स कमिटी ने नियमों की उल्लंघन की है.
रिपोर्ट में टीएमसी को संसद से बाहर करने की सिफारिश है और कमिटी ने कानूनी जांच की मांग की है. इससे पहले विपक्ष ने रिपोर्ट पर विरोध जताया और महुआ मोइत्रा ने विपक्ष के साथ संसद में विरोध-प्रदर्शन किया.
मोइत्रा ने कहा, “मुझे उस आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है, जो अस्तित्व में ही नहीं है. एथिक्स कमिटी मुझे उस बात की सजा दे रही है, जो लोकसभा में सामान्य और स्वीकृत है. सांसद आम जनता के सवालों को संसद तक पहुंचाने में ब्रिज की भूमिका निभाते हैं. मुझे बिना सबूत के सजा दी गई.”
एथिक्स कमिटी ने 9 नवंबर को रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें रिश्वत लेने के आरोपों की जांच की गई थी. इस पर बीजेपी ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन हुआ है और विपक्ष ने रिपोर्ट को आनन-फानन में चर्चा कराने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस ने भी महुआ मोइत्रा के खिलाफ एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पर विरोध जताया और कहा कि उसे उचित समय देना चाहिए था. वकालत पेशे में 31 साल के करियर में जल्दबाजी में बहस जरूर की जाएगी, लेकिन सदन में जितनी जल्दबाजी में उन्हें चर्चा में हिस्सा लेना पड़ा, वैसा कभी नहीं देखा गया है.
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यह निष्कर्ष रिपोर्ट और विपक्ष का बॉयकॉट संसद में गरमाया माहौल को दर्शाता है, जिससे संसदीय कार्यवाही में तनाव बढ़ा है. इस मामले में एक और ट्विस्ट आ सकता है, क्योंकि महुआ मोइत्रा ने विपक्ष के साथ आंतरदृष्टि साझा की है और उन्होंने अपने निष्कासन को राजनीतिक हमले के रूप में देखा है.