नई दिल्ली: लोकसभा में हुए सुरक्षा उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार हुए आरोपी ‘नीलम’ ने अपने बेरोजगारी की वजह से अपनी निराशा का ठोस कारण बताया है। उसके परिवार ने कहा है कि बेटी ने कई शिक्षाग्रहण करके भी नौकरी नहीं पा रही थी और इसलिए उसने इस हादसे को अंजाम देने का फैसला किया।
मामले का विवरण:
बुधवार को लोकसभा में हुए शून्यकाल के दौरान, सागर शर्मा और डी मनोरंजन नामक व्यक्तियों ने सदन में धूमधाम से प्रवेश किया। इनमें से एक ने पीले रंग का धुआं फैलाने का आरंभ किया और लोकसभा स्पीकर की कुर्सी तक पहुंचने की कोशिश की। इस घटना के बाद, दो अन्य प्रदर्शनकारी नीलम देवी और अमोल शिंदे भी संसद के बाहर सड़क पर धुआं छोड़ते हुए पकड़े गए।
नीलम की मां सरस्वती ने मीडिया से कहा कि उनकी बेटी ने महत्वपूर्ण परीक्षाएं पास करके भी नौकरी नहीं पा रही थी और इससे वह नाराज और तनावग्रस्त थी। उसके भाई ने बताया कि वह जींद चली गई थी क्योंकि उसे हिसार में नौकरी नहीं मिली थी। उसका परिवार दावा कर रहा है कि उसका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है।
विरोध-प्रदर्शन और बेरोजगारी:
नीलम का भाई रामनिवास ने बताया कि उनकी बहन ने कई परीक्षाएं पास की हैं, लेकिन फिर भी उसे नौकरी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि बहन ने बीए, एमए, एम.फिल किया है, लेकिन उसकी बेरोजगारी का समाधान नहीं मिला। रामनिवास ने बताया कि नीलम अक्सर बेरोजगारी के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेती रही है और उसने तीन कृषि बिलों के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया है।
परिवार का आपत्तिजनक रवैया:
नीलम के पिता देवराजे गौड़ा ने अगर उनके बेटे ने कुछ गलत किया है तो उसे फांसी दी जानी चाहिए, ऐसा कहा है। उन्होंने कहा कि संसद का इस प्रकार का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है, भले ही वह उनका बेटा क्यों न हो।
सागर शर्मा की कहानी:
लखनऊ के रहने वाले सागर शर्मा का परिवार बता रहा है कि वह ई-रिक्शा चलाकर रोजी-रोटी कमाते हैं और उन्होंने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए दो दिनों के लिए यह यात्रा की थी।
आपत्तिजनक हादसे का समापन:
संसद में हुए इस आपत्तिजनक हादसे के बाद, गिरफ्तार हुए आरोपी के परिवार ने उनकी बेरोजगारी को लेकर दर्दनाक कहानी साझा की है, जिससे समाज में एक बार फिर से बेरोजगारी के मुद्दे पर गहरा विचार हो रहा है।