नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री ने हाल ही में INDIA गठबंधन से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान किया है। इस घटना ने राजनीतिक दलों के बीच गहरे संबंधों की खोखली दीवार को हिला दिया है और ये गठबंधन में सार्वजनिक रूप से विवाद का कारण बन गया है।
नीतीश कुमार का यह निर्णय देशभर में चर्चा का केंद्र बन गया है क्योंकि INDIA गठबंधन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संगठन है जिसमें कई राजनीतिक दल शामिल हैं। इस घटना के पीछे छिपे कारणों को समझने के लिए नीतीश कुमार के आलोचकों और समर्थकों के बीच अब एक गहरी चर्चा जारी है।
इस घटना का सीधा और परिप्रेक्ष्यपूर्ण प्रभाव राजनीतिक दृष्टिकोण से बाहर निकलता है और यह भी समाज में एकाता और विश्वास की दिशा में एक प्रश्न खड़ा करता है। ये वही नीतीश कुमार हैं जो एक बार पहले भी BJP का दामन पकड़कर छोड़ चुके है और दोबारा एनडीए में शामिल होने की फ़िराक में है । पर क्या इस बार एनडीए नीतीश कुमार पर भरोसा कर पाएगी । या ये एनडीए का ही कोई राजनितिक दाव पेंच है जिसे समझ पाना विपक्ष के बस की बात नहीं रही । 2024 के लोकसभा चुनाव को जो भी जीते, ये बात तय है को लोकतंत्र बनाए रखने के लिए एक मजबूत विपक्ष का होना बहुत ज़रूरी है जिसकी थोड़ी भी झलक INDIA गठबंधन में देखने को नहीं मिलती, न ही उनकी साझेदारी साथ में रहकर केंद्र सरकार में आने जैसी बची है ।