राम मंदिर के सदियों के सपने को साकार होने के बाद अब प्रहार ज्ञानवापी पर है । सनातन धर्म के माने वालो ने एक बार फिर इस जगह से मस्जिद हटवाकर मंदिर बनाने का बीड़ा उठाया है। जिसके लिए अब सुप्रीम कोर्ट की जांच की गई तेज हो गई है ।
वाराणसी के जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने पिछले साल 21 जुलाई को एएसआई से ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने और यह निर्धारित करने के लिए कहा था कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद ढांचे के ऊपर खड़ी थी।
17वीं शताब्दी में ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण से पहले उस स्थान पर एक हिंदू मंदिर मौजूद था। गुरुवार को एएसआई की 839 पेज की सर्वेक्षण रिपोर्ट का ये बयान है जो अदालत के आदेश के अनुपालन में दोनों पक्षों को सौंपी गई थी।
सर्वेक्षण की गई वस्तुओं में शिलालेख, मूर्तियां, सिक्के, वास्तुशिल्प टुकड़े, मिट्टी के बर्तन, और टेराकोटा, पत्थर, धातु और कांच शामिल है । जिन वस्तुओं को प्राथमिक सर्वेक्षण की आवश्यकता थी, उनका सर्वेक्षण स्थल पर किया गया।
अब मामला पहले से कही ज्यादा सटीक एवम गंभीर जान पढ़ता है क्युकी मुस्लिम पक्ष के वकील ने भी ये साफ कर दिया है की मस्जिद किसी मंदिर को तोड़ कर नही बनी है इस बात को वो साबित करेंगे ।
पर हिंदू पक्ष की तरफ से जज्ञानवापी में पहले से मौजूद कई संरचनाएँ पाई गईं जो साबित करती हैं कि मौजूदा संरचना के निर्माण से पहले, वहाँ एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था ।