लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हर भारतीय का झुकाव किसी न किसी राजनीतिक विचारधारा की तरफ होता है. ऐसे में देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Supreme Court Chief Justice) ने जोर देते हुए कहा कि वकीलों और जजों को संविधान के प्रति वफादार होना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जजों को गैर-पक्षपातपूर्ण होने होना चाहिए.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने नागपुर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के शताब्दी समारोह में कहा,” “हमारे जैसे जीवंत और तर्कपूर्ण लोकतंत्र में, ज्यादातर लोगों का झुकाव किसी न किसी राजनीतिक विचारधारा की तरफ होता है. अरस्तू ने कहा था कि मनुष्य राजनीतिक प्राणी हैं, और वकील कोई अपवाद नहीं हैं. हालांकि, बार के सदस्यों को अदालत और संविधान के साथ पक्षपातपूर्ण नहीं होना चाहिए.”
बार काउंसिल सदस्यों को चीफ जस्टिस की सलाह
देश के चीफ जस्टिस ने कहा कि न्यापालिका बार-बार अपनी अपनी स्वतंत्रता और गैर-पक्षपातपूर्णता, कार्यपालिका, विधायिका और निहित राजनीतिक हितों से शक्तियों के पृथक्करण के लिए आगे आई है. हालांकि हमको यह नहीं भूलना चाहिए कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बार की स्वतंत्रता के बीच गहरा संबंध है.” उन्होंने कहा कि एक संस्था के रूप में बार की स्वतंत्रता “क़ानून के शासन और संवैधानिक शासन की रक्षा के लिए नैतिक कवच” के रूप में कार्य करती है.