वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 में बिहार और आंध्र प्रदेश को बड़ी वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे दोनों प्रमुख सहयोगियों – बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू – को खुश किया गया। यह कदम दोनों राज्यों को औपचारिक ‘विशेष दर्जा’ दिए बिना लिया गया है, जो इन क्षेत्रीय नेताओं का समर्थन बनाए रखने के साथ-साथ उनके राज्यों की विकास आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगा।
बिहार को मिला 37,500 करोड़ रुपये का विशेष फंड बिहार को विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और बाढ़ शमन योजना के लिए 37,500 करोड़ रुपये का विशेष फंड आवंटित किया गया है। इसमें बक्सर-भागलपुर रोड, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर में गंगा पर दो-लेन पुल और बोध गया, राजगीर, दरभंगा और वैशाली के लिए सड़क कनेक्टिविटी में सुधार शामिल हैं। इसके अलावा, पर्यटन और सांस्कृतिक सर्किट के विकास के लिए भी विशेष फंड आवंटित किए गए हैं। आंध्र प्रदेश के लिए 15,000 करोड़ रुपये का विशेष फंड आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से भी वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस कदम से राज्य की विकास योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा और अमरावती को ‘अमृत काल’ में विकसित करने का लक्ष्य साकार होगा। ‘विशेष दर्जा’ की बजाय ‘विशेष फंड’ का आवंटन मोदी सरकार ने राज्यों को विशेष दर्जा देने की जटिलताओं और विवादों से बचते हुए विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की है। इस रणनीति से क्षेत्रीय विकास आवश्यकताओं को पूरा करते हुए राजनीतिक सद्भाव बनाए रखा गया है। वित्त मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम और बिहार की बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं पर नीति आयोग की रिपोर्ट पर जोर देते हुए फंड आवंटित किए हैं।