शेख हसीना का देश से पलायन:
15 वर्षों तक बांग्लादेश का नेतृत्व करने वाली प्रधानमंत्री शेख हसीना, जिन्हें ‘आयरन लेडी’ कहा जाता है, को बड़े पैमाने पर एंटी-गवर्नमेंट प्रोटेस्ट्स के चलते इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वह एक सैन्य विमान से भारत पहुंचीं और वर्तमान में हिंडन एयरबेस पर हैं, जहां से वह लंदन जाने की तैयारी में हैं।
अशांति और हिंसा जारी:
ढाका की सड़कों पर हसीना के प्रस्थान के बाद जश्न मनाया गया, लेकिन हिंसा अभी भी जारी है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने घोषणा की कि सभी सरकारी और निजी कार्यालय, कारखाने और शैक्षणिक संस्थान मंगलवार को फिर से खुलेंगे।
अंतरिम सरकार का गठन:
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान ने नई अंतरिम सरकार बनाने की योजना की घोषणा की, जिसमें पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग को छोड़कर अन्य राजनीतिक दलों से सलाह ली जाएगी। यह सरकार 300 से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार क्रैकडाउन को समाप्त करने का लक्ष्य रखती है। जनरल ज़मान आज छात्र विरोध नेताओं से मिलने वाले हैं।
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस की मांग:
छात्र विरोध नेताओं, जिन्होंने नौकरी कोटा के खिलाफ विरोध शुरू किया था और बाद में हसीना के इस्तीफे की मांग की, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार की मांग कर रहे हैं।
शेख हसीना की शरण की योजना:
रिपोर्टों के अनुसार, शेख हसीना यूके में शरण लेने का इरादा रखती हैं। हालांकि, उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय ने इन दावों को खारिज कर दिया है। ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी ने बांग्लादेश में हिंसा की पूर्ण और स्वतंत्र यूएन-नेतृत्व वाली जांच की मांग की है, जिससे हसीना की योजना अनिश्चित हो गई है।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति की भूमिका:
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने स्थिति का सामना करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में सेना प्रमुख, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख और बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी सहित कई विपक्षी नेताओं ने भाग लिया।
खालिदा जिया की रिहाई:
हसीना के अपदस्थ होने के बाद, राष्ट्रपति शाहबुद्दीन ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया की रिहाई का आदेश दिया। जिया को 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल की सजा सुनाई गई थी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं:
संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने एक लोकतांत्रिक और समावेशी अंतरिम सरकार के गठन का आह्वान किया है। यूएस ने सभी पक्षों से हिंसा से बचने का आग्रह किया है, जबकि यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी हिंसा के कृत्यों की पूर्ण और स्वतंत्र जांच की मांग की है।
आर्थिक प्रभाव:
हसीना के शासन के तहत 2009 से बांग्लादेश ने महत्वपूर्ण आर्थिक वृद्धि का अनुभव किया, जहां जीडीपी औसतन 6 प्रतिशत प्रति वर्ष से अधिक बढ़ी। हालांकि, उनकी सरकार पर मानवाधिकार हनन, भ्रष्टाचार और राजनीतिक विपक्ष के दमन के आरोप भी लगे।
भारत की प्रतिक्रिया:
शेख हसीना ने हिंडन एयरबेस पर पहुंचने के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। भारत ने बांग्लादेश में unfolding स्थिति पर अपना रुख व्यक्त किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सभी दलों की बैठक की अध्यक्षता की और नेताओं को हिंसा-ग्रस्त राष्ट्र में स्थिति और भारतीय सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।
निष्कर्ष:
बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है क्योंकि यह शेख हसीना के इस्तीफे और प्रस्थान के बाद एक नई अंतरिम सरकार के गठन की दिशा में बढ़ रहा है। देश का भविष्य अनिश्चित है, हिंसा जारी है और एक शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए अंतरराष्ट्रीय आह्वान हो रहे हैं। आने वाले दिन बांग्लादेश की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि यह अशांति के बीच स्थिरता और शासन की तलाश कर रहा है।