IMA की राष्ट्रव्यापी हड़ताल कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की बर्बर बलात्कार और हत्या के खिलाफ भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने शनिवार, 17 अगस्त को सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए गैर-आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है। यह हड़ताल पूरे देश में लागू होगी, जहां सभी आधुनिक चिकित्सा डॉक्टर, चाहे वे किसी भी क्षेत्र या कार्यस्थल से हों, इस विरोध में भाग लेंगे। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं और आकस्मिक मामलों को संचालित किया जाएगा, लेकिन आउटपेशेंट विभाग (OPD) और वैकल्पिक सर्जरी इस अवधि के दौरान बंद रहेंगी। IMA की 5 प्रमुख मांगें इस दुखद घटना के मद्देनजर, IMA ने शुक्रवार को पांच प्रमुख मांगें रखीं, जो इस प्रकार हैं: निवासी डॉक्टरों की कार्य और रहने की स्थिति में सुधार: IMA ने निवासी डॉक्टरों की कार्य और रहने की स्थिति में एक व्यापक सुधार की मांग की है। इसने विशेष रूप से आरजी कर अस्पताल में पीड़िता के 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट और आराम करने के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी को उजागर किया है।
केंद्रीय कानून की मांग: IMA ने 2023 में महामारी रोग अधिनियम, 1897 में किए गए संशोधनों को प्रस्तावित अस्पताल संरक्षण विधेयक, 2019 में शामिल करने के लिए एक केंद्रीय अधिनियम की मांग की है। IMA का मानना है कि यह कदम 25 राज्यों में मौजूदा कानून को और सशक्त करेगा। IMA ने यह भी सुझाव दिया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान लागू किए गए अध्यादेश के समान एक अध्यादेश इस स्थिति में उपयुक्त होगा। व्यावसायिक और समयबद्ध जांच: IMA ने अपराध की पेशेवर और समयबद्ध जांच की मांग की है और न्याय की मांग की है। इसके अलावा, IMA ने 14 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल परिसर में हुई तोड़फोड़ में शामिल लोगों की पहचान करने और उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की है। अस्पतालों में सुरक्षा प्रोटोकॉल का सुधार: IMA ने मांग की है कि सभी अस्पतालों में सुरक्षा प्रोटोकॉल हवाई अड्डों जैसे हों। अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना और अनिवार्य सुरक्षा व्यवस्था लागू करना, जिसमें सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और अन्य प्रोटोकॉल शामिल हैं, पहला कदम होगा। पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा: IMA ने पीड़ित परिवार को क्रूरता के अनुपात में उचित और सम्मानजनक मुआवजा देने की मांग की है।
विरोध प्रदर्शन और ताजा घटनाक्रम शुक्रवार को देशभर में हजारों डॉक्टरों ने विरोध मार्च निकाला, जिसमें उन्होंने इस घटना के खिलाफ न्याय और अस्पताल परिसरों में बेहतर सुरक्षा की मांग की। नई दिल्ली में संसद के पास एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों ने महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के लिए जवाबदेही की मांग की। कोलकाता और अन्य भारतीय शहरों जैसे मुंबई और हैदराबाद में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की जूनियर डॉक्टरों, रूमालिका कुमार और रिया बेरा ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उनके न्याय की मांगें पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने सभी दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी और उचित साक्ष्य के साथ इसे सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि जांच में पारदर्शिता की कमी के कारण इसे कोलकाता पुलिस से CBI को स्थानांतरित कर दिया गया है, लेकिन 48 घंटे बीतने के बावजूद उनके न्याय की मांगें पूरी नहीं हुई हैं। इस बीच, कोलकाता पुलिस ने 14 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल परिसर में भीड़ द्वारा की गई तोड़फोड़ के सिलसिले में 25 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है, जिसमें विरोध स्थल, वाहनों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि वामपंथी दल राम (भारतीय जनता पार्टी) के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनाथी श्रीनिवासन के नेतृत्व में मेडिकल कॉलेज के बाहर एक मौन कैंडल मार्च निकाला गया। मार्च में वनाथी श्रीनिवासन के अलावा, महिला मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी और राज्यसभा सांसद दर्शन सिंह, संगीता यादव, गीता शक्या, इंदु बाला गोस्वामी और पश्चिम बंगाल प्रभारी पूजा कपिल मिश्रा भी उपस्थित थे।