भारत में ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव पर पीयूष गोयल ने जताई चिंता, कहा- ‘इस पर गर्व नहीं’

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है, इसे लेकर उन्होंने कहा कि यह कोई गर्व की बात नहीं है। उन्होंने ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों द्वारा की जा रही शिकारी कीमतों (predatory pricing) और पारंपरिक खुदरा क्षेत्र में संभावित रोजगार हानि पर सवाल उठाए। पीयूष गोयल ने स्वीकार किया कि ई-कॉमर्स का एक महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन उन्होंने इस भूमिका को ‘अधिक संगठित’ तरीके से निभाने की जरूरत पर जोर दिया।

‘नेट इम्पैक्ट ऑफ ई-कॉमर्स ऑन एम्प्लॉयमेंट एंड कंज्यूमर वेलफेयर इन इंडिया’ रिपोर्ट के लॉन्च के दौरान उन्होंने पूछा, “क्या शिकारी कीमतों की नीतियां देश के लिए अच्छी हैं?” उन्होंने कहा, “जब अमेज़न कहता है कि वे भारत में एक बिलियन डॉलर का निवेश करने जा रहे हैं, तो हम सभी इसका जश्न मनाते हैं, लेकिन हम इस बात को भूल जाते हैं कि यह पैसा भारतीय अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए नहीं आ रहा है। उन्होंने उस साल अपनी बैलेंस शीट में एक बिलियन डॉलर का नुकसान दिखाया।

उन्हें उस नुकसान की भरपाई करनी है।” उन्होंने आगे कहा, “और वह नुकसान कैसे हुआ? उन्होंने पेशेवरों को ₹1,000 करोड़ का भुगतान किया। अगर आप सभी शीर्ष वकीलों को इस काम में लगा रहे हैं ताकि कोई उनके खिलाफ मामला न लड़ सके… अगर आप एक साल में ₹6,000 करोड़ का नुकसान कर रहे हैं, तो क्या यह आपको शिकारी कीमतों की बू नहीं देता? यह नुकसान किस वजह से हुआ? वे सभी ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों में शामिल हैं। उन्हें बी2सी (B2C) करने की अनुमति नहीं है।” पाहले इंडिया फाउंडेशन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स रोजगार सृजन का एक प्रमुख साधन है और ऑनलाइन विक्रेता 54 प्रतिशत अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं, जिनमें लगभग दोगुनी संख्या में महिलाएं शामिल हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि ऐसी नीतियों की जरूरत है जो स्थानीय व्यवसायों की रक्षा करें और ई-कॉमर्स क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *