CBI Ne Purv RG Kar Principal Sandeep Ghosh Ke Ghar Aur 13 Any Sthanon Par Kii Chhapemari, Bhrashtachar Ki Jaanch Shuru

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में कथित भ्रष्टाचार की जांच के तहत सीबीआई ने रविवार को 14 स्थानों पर छापे मारे, जिनमें पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का घर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तथा कुछ वेंडरों के ठिकाने शामिल थे। कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर शुरू की गई इस जांच के दौरान सीबीआई ने घोष के अलावा अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की। सीबीआई ने संदीप घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें एक महिला खामा लौहा का भी नाम शामिल है, जो कैंपस में पंजीकृत ईशन कैफे नामक एक भोजनालय चलाती हैं।

इसके अलावा एक अन्य फर्म, मां तारा ट्रेडर्स, भी इस जांच के दायरे में है। सीबीआई टीम ने आरजी कर अस्पताल के प्रशासनिक ब्लॉक में कंप्यूटरों की जांच की, जहां पूर्व उप-प्राचार्य संजय वशिष्ठ का कार्यालय था। टीम ने वशिष्ठ के उत्तराधिकारी सप्राशी चटर्जी सहित कई अधिकारियों से पूछताछ की। संदीप घोष के कोलकाता के बेलियाघाटा स्थित चार मंजिला घर पर सुबह 6:45 बजे से ही छापेमारी शुरू हो गई थी। सीबीआई के अनुसार, कई बार दरवाजा खटखटाने और मोबाइल फोन पर कॉल करने के बावजूद घोष ने तुरंत दरवाजा नहीं खोला। करीब 70 मिनट बाद घोष ने दरवाजा खोला, तब तक घर के बाहर भीड़ जमा हो चुकी थी। सीबीआई की पूछताछ और घर की तलाशी देर शाम तक चली। साथ ही, सीबीआई की एक अन्य टीम ने दक्षिण कोलकाता के एंटली स्थित वशिष्ठ के घर पर भी छापा मारा और उनसे पूछताछ की।

इसके बाद कुछ अधिकारी उनके तांगरा स्थित दूसरे घर भी पहुंचे। इसके अलावा सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व फॉरेंसिक मेडिसिन डिमॉन्स्ट्रेटर देबाशीष सोम के केस्टोपुर स्थित घर पर भी छापा मारा। सीबीआई ने दो वेंडरों से भी पूछताछ की, जिनमें एक मेडिकल उपकरण आपूर्तिकर्ता बिप्लब सिन्हा और तारा मां ट्रेडर्स के मालिक शामिल थे। वहीं, तलाह में कैफे मालिक खामा लौहा के घर पर छापेमारी के दौरान उनके पति चंदन लौहा को लगभग एक घंटे के लिए अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। संभावना है कि संदीप घोष सोमवार को नियमित बेंच के समक्ष यह सवाल उठाएंगे कि बिना उन्हें सुने सीबीआई जांच का आदेश कैसे दिया गया।

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