महाराष्ट्र चुनाव: सीटों को लेकर उद्धव की शिवसेना-कांग्रेस में ऐसा फंसा पेंच, MVA कैसे सुलझाएगा?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। वोटिंग 20 नवंबर को एक ही चरण में होगी और नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर सियासी खींचतान जारी है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अब बस एक महीना शेष है। उससे पहले सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों गठबंधन-महायुति और महाविकास अघाड़ी में सियासी खींचतान जारी है। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे और महाविकास अघाड़ी में अबतक 258 सीट पर सहमति तो बन गई है लेकिन सूत्रों के मुताबिक 30 सीटों पर कांग्रेस, शिवसेना उद्धव और एनसीपी शरद के बीच पेंच फंसा हुआ है। इसे लेकर आज राष्ट्र्वादी कांग्रेस, शरदचंद्र पवार गुट के प्रमुख नेताओं की बैठक होगी। इस बैठक में शरद पवार, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल, जितेंद्र आवहांड, अनिल देशमुख शामिल होंगे।

एमवीए की बढ़ी मुश्किल, सीटों को लेकर फंसा पेंच

महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में सीट शेयरिंग को लेकर बढ़ता तनाव अब अधिक स्पष्ट होता जा रहा है क्योंकि सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है और इसके साथ ही तीखी बयानबाजी भी जारी है। कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के बीच प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों को लेकर खींचतान चल रही है, जिससे दोनों दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है।

विवाद के केंद्र में पूर्वी विदर्भ और मुंबई की सीटें हैं। कांग्रेस ने पार्टी के विभाजन के बाद क्षेत्र में उद्धव की शिवसेना की कम उपस्थिति का हवाला देते हुए पूर्वी विदर्भ में कोई भी सीट शिवसेना (यूबीटी) को देने से इनकार कर दिया है। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) उन निर्वाचन क्षेत्रों की मांग कर रही है जिन्हें जीतने में कांग्रेस ऐतिहासिक रूप से विफल रही है, दोनों पार्टियां मुंबई में दो महत्वपूर्ण सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।

संजय राउत ने बढ़ाया सियासी पारा

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कांग्रेस की धीमी निर्णय लेने की प्रक्रिया की आलोचना करके आग में घी डालने का काम किया। राउत के अनुसार, जबकि 200 से अधिक सीटों पर फैसले को अंतिम रूप दे दिया गया है, कुछ प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों पर अभी भी विवाद चल रहा है, महाराष्ट्र में कांग्रेस नेतृत्व हर फैसले को मंजूरी के लिए दिल्ली भेज रहा है। राउत ने कहा, “हमारे पास ज्यादा समय नहीं बचा है और मुझे लगता है कि यहां के कांग्रेस नेता निर्णय लेने में असमर्थ हैं। वे मंजूरी के लिए दिल्ली को सूची भेजते रहते हैं, लेकिन वह समय बीत चुका है। हमें जल्दी निर्णय लेने की जरूरत है।”

कांग्रेस नेता पटोले ने कही ये बात

उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि राहुल गांधी समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से बात की थी और उनसे इस प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया था। वहीं, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष नाना पटोले ने स्वीकार किया कि 28 सीटों पर विवाद बना हुआ है और आश्वासन दिया कि इस मामले को कांग्रेस आलाकमान द्वारा सुलझाया जाएगा। हाईकमान ने आज मुंबई में महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं की बैठक बुलाई है। इस बैठक में उद्धव गुट से सीट शेयरिंग पर मची खींचतान पर बात होगी।

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