Report By : Jagriti Chaudhary
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में एक सभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम अगले सात दिनों के भीतर पूरे भारत में लागू किया जाएगा।
बंगाल के काकद्वीप में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए बंगाली में कहा, “मैं गारंटी दे सकता हूं कि अगले सात दिनों में, न केवल पश्चिम बंगाल में, बल्कि पूरे भारत में सीएए लागू किया जाएगा।”
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने उल्लेख किया कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए सीएए के नियमों का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान से आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों – जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं – को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।
ठाकुर ने यह भी सवाल किया कि पासपोर्ट पूछताछ के समय पुलिस 1970 के दशक की संपत्ति का सबूत क्यों मांगती है, भले ही उनके पास मतदाता पहचान पत्र हो।
जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती है कि यहां का हर व्यक्ति यहां का नागरिक है और उन्हें वोट देने का अधिकार है। अगर ऐसा है तो पासपोर्ट पूछताछ के समय जब दस्तावेज डीआइजी के पास जाते हैं तो वे संपत्ति का प्रमाण क्यों मांगते हैं।” उन्होंने सरकार से इसका जवाब मांगा।
ठाकुर ने कहा, “पासपोर्ट जांच के लिए वोटर कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड देखने के बाद ही मान्यता दी जानी चाहिए। मैं कह रहा हूं कि राज्य सरकार राजनीति के लिए यह सब कर रही है।” उन्होंने बार बार ममता बेनर्जी की नीति वाली सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ममता लॉजिक की राजनीति नही करती बल्कि इस बात पर अड़ी रहती है की बंगाल उनका है और वो चाहेगी करेगी। वो सिर्फ मुख्य्मंत्री बने रहना चाहती है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए पूछा कि जिन लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, वे मतुआ समुदाय से हैं या भाजपा समर्थक हैं।
भाजपा के लोकसभा सांसद ने कहा, “मुख्यमंत्री को जवाब देना होगा कि उन्हें उनके मतदान के अधिकार से क्यों वंचित किया गया है, उनके मतदाता कार्ड क्यों नहीं बनाए गए हैं। क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि वे मतुआ समुदाय से हैं या भाजपा के समर्थक हैं।” अब देखना होगा की भाजपा के तीखे हमले का जवाब ममता दीदी किस अंदाज में देती है ।