हरियाणा को 56 सालों के बाद ओबीसी समुदाय का मुख्यमंत्री मिला है। नायब सैनी ने हरियाणा सीएम पद की शपथ ले ली है। वहीं बीजेपी का ये दांव कांग्रेस को भारी पड़ सकता है। हरियाणा में ओबीसी लोगों की संख्या लगभग 33 फीसदी है जिससे चुनाव में हार जीत का फर्क पड़ता है। वहीं कांग्रेस के जातीय कार्ड खेलने की राजनीति को बीजेपी के इस कदम से तगड़ा झटका लगेगा।
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा को 56 साल बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से नायब सैनी (Nayab Saini) के रूप में मुख्यमंत्री मिला है। प्रदेश में पांच दशक से अधिक समय के बाद दूसरी बार नायब सैनी के रूप में अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। मध्य प्रदेश में मोहन लाल यादव के बाद हरियाणा दूसरा ऐसा राज्य है, जहां भाजपा ने अन्य पिछड़ा वर्ग से मुख्यमंत्री दिया है। भाजपा के इस दांव से कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जातीय कार्ड खेलने की रणनीति को गहरा धक्का लगा है।