Heavy Rainfall in Gujarat: 28 Dead, Over 18,000 Rescued; Red Alert Issued for 11 Districts

गुजरात में भारी बारिश से हालात गंभीर हो गए हैं, जहां पिछले तीन दिनों में 28 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 18,000 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार को गुजरात के 11 जिलों के लिए रेड अलर्ट और 22 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। गुजरात सरकार के अनुसार, पिछले तीन दिनों में बाढ़ से 28 लोगों की मौत हुई है। मोरबी, वडोदरा, भरूच, जामनगर, अरावली, पंचमहल, द्वारका और डांग जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि आनंद में छह, अहमदाबाद में चार और गांधीनगर, खेड़ा, महीसागर, दाहोद और सुरेन्द्रनगर जिलों में दो-दो लोगों की मौत हुई है।

मृतकों में सात लोग भी शामिल हैं जो मोरबी जिले के धवाना गांव के पास एक भरे हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली के बह जाने के कारण लापता हो गए थे। IMD ने कच्छ और सौराष्ट्र के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें कच्छ, द्वारका, जामनगर, मोरबी, सुरेन्द्रनगर, जूनागढ़, राजकोट, बोटाद, गिर सोमनाथ, अमरेली और भावनगर जिले शामिल हैं। इसके अलावा, उत्तर, मध्य और दक्षिण गुजरात के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात कर स्थिति की जानकारी ली और राज्य को केंद्र की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

वडोदरा में बारिश बंद हो गई है, लेकिन कई निचले इलाकों में बाढ़ के कारण पानी भर गया है, क्योंकि विश्‍वामित्री नदी का जलस्तर बढ़ने से रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है। राज्यभर में बचाव कार्य जारी हैं और 6,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। गुजरात ने मांगी सेना की मदद: गुजरात सरकार ने राहत कार्यों के लिए भारतीय सेना की छह टुकड़ियों की मांग की है, जिनमें से एक-एक टुकड़ी द्वारका, आनंद, वडोदरा, खेड़ा, मोरबी और राजकोट जिलों में तैनात की जाएगी। इसके अतिरिक्त, 14 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टुकड़ियां और 22 राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टुकड़ियां भी राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। राज्यभर में बाढ़ और जलभराव के दृश्य सामने आ रहे हैं, और बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकाल रहे हैं। भारी बारिश के कारण वडोदरा में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ओर जाने वाली सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई है।

IMD की भविष्यवाणियां और चेतावनियां: IMD ने बताया कि यह गहरा अवसाद 30 अगस्त तक कच्छ और सौराष्ट्र से निकलकर अरब सागर की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, इसके पूर्वोत्तर अरब सागर में हल्के रूप से तेज होने की भी संभावना है। इसके चलते सड़कों पर स्थानीय बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और अंडरपासों के बंद होने की आशंका है, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में।

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