कोलकाता के RG कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के मामले में सियासी घमासान तेज हो गया है। बीजेपी नेता सुकांता मजूमदार ने ममता बनर्जी की सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अपराध के शिकार लोगों की आवाज दबा रही है। एक कथित पत्र सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि अपराध स्थल को बदलने की कोशिश की गई थी। इस पत्र पर RG कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के हस्ताक्षर होने का दावा किया जा रहा है।
TMC ने किया आरोपों का खंडन
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने महिला डॉक्टर के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि परिवार का आरोप बेबुनियाद है और एक वीडियो दिखाया, जिसमें परिवार को पहले जांच से संतुष्ट दिखाया गया था। इसके जवाब में, परिवार ने कहा कि यह वीडियो पुलिस ने जबरन रिकॉर्ड किया था। परिवार ने कोलकाता पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्होंने शव का जल्द अंतिम संस्कार कर मामले को दबाने की कोशिश की।
पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश
बीजेपी और मृतक के परिवार ने ममता सरकार के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच में निष्पक्षता से काम नहीं कर रही है। साथ ही, बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस बीच, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर ध्यान देने की अपील की।
सीबीआई की जांच पर सवाल
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री और टीएमसी के वरिष्ठ नेता ब्रत्य बसु ने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस ने 23 दिन पहले सभी जरूरी दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए थे, लेकिन अभी तक एजेंसी की ओर से कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला तब शुरू हुआ जब 9 अगस्त को RG कर अस्पताल के सेमिनार रूम में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। इसके बाद से ही इस घटना ने देशभर में विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया। पुलिस ने एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया है, जबकि सीबीआई ने कथित वित्तीय कदाचार के आरोप में संदीप घोष को हिरासत में लिया है।