नई दिल्ली, 7 दिसंबर 2024: नॉलेज एंड अवेयरनेस मैपिंग प्लेटफॉर्म ने राष्ट्रीय वैज्ञानिक अभिरुचि एवं प्रवृत्ति मूल्यांकन (NASTA) – 2024 का सफल आयोजन किया। इस मूल्यांकन में देशभर के लगभग एक हजार स्कूलों के कक्षा 3 से 12 तक के छात्रों ने भाग लिया। इनमें सीबीएसई के स्ववित्तपोषित स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, और आर्मी पब्लिक स्कूल जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं।
एनएएसटीए का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक प्रवृत्ति को पहचानना और उसे प्रोत्साहित करना है, जो कि केएएमपी के अर्थपूर्ण शिक्षा और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने के मिशन का हिस्सा है। यह मूल्यांकन छात्रों के वैज्ञानिक गुणों का मूल्यांकन करता है, जिसमें पहचान, अवलोकन, वर्गीकरण, समस्या समाधान, सटीकता, पूर्वानुमान, आलोचनात्मक सोच और व्याख्या जैसे आठ प्रमुख वैज्ञानिक गुण शामिल हैं।
पारंपरिक विषय-आधारित मूल्यांकन के विपरीत, एनएएसटीए एक गुण-आधारित दृष्टिकोण अपनाता है जो छात्रों की वैज्ञानिक सोचने की क्षमता को परखता है। यह मूल्यांकन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों रूपों में नियमित स्कूल समय के दौरान आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों की गोपनीयता का विशेष ध्यान रखा गया।
केएएमपी का मानना है कि वैज्ञानिक सोच हमारे दिमाग की एक स्वाभाविक और सहज प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया को तार्किक रूप से समझने के माध्यम से छात्र बेहतर तरीके से दुनिया का अन्वेषण कर सकते हैं और जटिल सवालों का उत्तर दे सकते हैं। एनएएसटीए छात्रों, शिक्षकों, नीति-निर्माताओं और अभिभावकों को छात्रों की उपलब्धियों का एक मानकीकृत माप प्रदान करता है, जो उनकी रुचियों और करियर की संभावनाओं को समझने में मदद करता है।
इस मूल्यांकन के परिणाम छात्रों को अपनी रुचियों और क्षमताओं को पुनः सत्यापित करने में सक्षम बनाते हैं। यह उन्हें आत्मनिर्भरता और स्वतंत्र सोच को बढ़ावा देते हुए उनके पसंदीदा क्षेत्रों में आगे बढ़ने का मार्गदर्शन करता है।