NEET-UG पेपर लीक को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला सुना सकता है. पांच मई के बाद से ही इस मामले में हर बीतते दिन के साथ नए-नए खुलासे होते रहे हैं. इस मामले में सबसे पहले बिहार पुलिस सक्रिय हुई थी. पांच मई को ही अभ्यार्थियों द्वारा पेपर लीक होने की संभावनाओं की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पटना से कई लोगों को पहले हिरासत में लिया गया और बाद में गिरफ्तारी भी की गई. पटना से निकला पेपर लीक और सॉल्वर गैंग का ये ‘जिन्न’ कुछ ही दिन में देश के कई राज्यों तक पहुंच गया. पुलिस एक-एक करके इस पेपर लीक मामले को परत दर परत खोलती रही और इसमें कई नए बड़े नाम जुड़ते चले गए. आज हम आपको इस पेपर लीक में किस किस गिरोह के शामिल होने की बात सामने आई थी, उसके बारे में बताने जा रहे हैं.
NEET-UG पेपर लीक मामले का पता सबसे पहले बिहार की राजधानी पटना में चला था. इसके बाद बिहार पुलिस हरकत में आई थी और उसने पेपर लीक मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया था. जिन लोगों को हिरासत में लिया गया था उनमें कुछ अभ्यार्थी भी शामिल थे. पुलिस की पूछताछ में अभ्यार्थियों ने बताया था कि उन्होंने एक प्रश्नपत्र के लिए 30 से 40 लाख रुपये तक दिए हैं. पुलिस के अनुसार इस पेपर लीक के पीछे बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों में सक्रिय सॉल्वर गैंग का हाथ था. पुलिस ने इस मामले में सॉल्वर गैंग के कई सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है.
20 जून की शाम NTA ने बिहार पुलिस की SIT को अधजले प्रश्न पत्र से संबंधित तमाम जानकारी भेजी थी. जो डिटेल भेजी गई थीं, उनसे ये बात सामने आई कि प्रश्न पत्र पर जो सीरियल कोड था, वो झारखंड के हजारीबाग जिले के ओएसिस स्कूल परीक्षा केंद्र का है. इससे ये तो साफ हो गया कि हजारीबाग के इसी सेंटर से इस पेपर को लीक किया गया है. इस जानकारी के सामने आते ही SIT अगले ही दिन जांच के लिए हजारीबाग पहुंच गई. वहां शुरू की जांच में कई अहम जानकारी और सबूत सामने आए थे. पुलिस की जांच में पता चला था कि इस मामले में संजीव मुखिया का नाम भी सामने आया है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार संजीव मुखिया NEET पेपर लीक मामले की प्रमुख कड़ी है. सूत्रों के अनुसार पुलिस संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के लिए उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी भी कर रही है. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू इस मामले की परत दर परत जांच करने में जुटी है. पुलिस उस लिंक का भी पता लगाने में जुटी थी जिसके तहत NEET का पेपर सॉल्वर गैंग तक पहुंचा था. आपको बता दें कि पेपर लीक मामले में अत्री गिरोह का भी नाम कुछ दिन पहले सामने आया था. सूत्रों के अनुसार अत्री गिरोह के सदस्यों ने बिहार में सिकंदर और संजीव को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए थे. अत्री गिरोह के रवि अत्री का नाम पहले भी कई परीक्षा के पेपर लीक को लेकर सामने आ चुका है. वो फिलहाल ऐसे ही एक मामले में मेरठ की जेल अपनी सजा काट रहा है. उसपर आरोप है कि उसने उत्तर प्रदेश में कुछ समय पहले हुए कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का भी पेपर लीक करवाया था. पुलिस को संदेह है कि अत्री गिरोह ने ही इस बार भी पेपर लीक किया है और परीक्षा से ठीक एक दिन पहले इन प्रश्न पत्रों को सॉल्वर गैंग तक पहुंचाया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने झारखंड के रास्ते बिहार तक ये प्रश्न पत्र पहुंचाए थे.