भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया। यह मुकाबला स्टेड डी फ्रांस में हुआ, जहां उत्साही दर्शकों की भीड़ के सामने नीरज ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। नीरज की 89.45 मीटर की थ्रो ने उन्हें दूसरे स्थान पर ला खड़ा किया, जो उनके इस सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। हालांकि, वह गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर पाए, क्योंकि पाकिस्तान के अर्शद नदीम ने 92.97 मीटर की थ्रो के साथ नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया।
अर्शद की इस थ्रो ने नॉर्वे के एंड्रियास थॉर्किल्डसन के 2008 बीजिंग ओलंपिक में बनाए गए 90.57 मीटर के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इस मुकाबले के दौरान थॉर्किल्डसन भी स्टैंड्स में मौजूद थे, साथ ही तीन बार के ओलंपिक चैंपियन और विश्व रिकॉर्ड धारक चेक गणराज्य के जान जेल्ज़नी भी वहां थे। नीरज चोपड़ा अब ओलंपिक में लगातार व्यक्तिगत पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले यह उपलब्धि पहलवान सुशील कुमार ने 2008 और 2012 के ओलंपिक में और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने 2016 और 2021 के ओलंपिक में हासिल की थी। नीरज, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, ने इस बार सिल्वर मेडल जीता। सिल्वर मेडल जीतने के बाद नीरज ने कहा, “हम सबके लिए खुशी का मौका होता है जब हम देश के लिए मेडल जीतते हैं। अब समय है कि हम अपनी प्रदर्शन क्षमता को और बेहतर करें।
हम टीम के साथ बैठकर अपनी कमजोरियों पर चर्चा करेंगे और उन्हें सुधारेंगे। पेरिस ओलंपिक में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया और मुकाबला बेहद कड़ा था। आज अर्शद का दिन था। मैंने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी भी सुधार की जरूरत है।” उन्होंने आगे कहा, “आज हमारा राष्ट्रीय गान नहीं बज पाया, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में जरूर बजेगा। अगर पेरिस में नहीं तो कहीं और।” नीरज ने अंत में अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा, “अंदर से मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं। मेरी सबसे बेहतरीन थ्रो अभी आनी बाकी है। जब मैं शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट और मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हो जाऊंगा, तब वह थ्रो बाहर आएगी।” इस तरह नीरज ने अपने भविष्य के लिए आशावाद और आत्मविश्वास व्यक्त किया, और यह संदेश दिया कि वह अपने खेल को और भी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।