78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लालकिले के प्राचीर से आज देश को संबोधित किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने से लेकर भारत के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर अपने विजन का जिक्र किया. अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने महिला सुरक्षा और रिफॉर्म्स पर भी अपनी बात रखी.
विकसित भारत के लिए क्या रोडमैप है
यह बहुत ही पावर-पैक्ड स्पीच थी.उन्होंने इसमें एक वाक्य का इस्तेमाल किया- डिजाइन इन इंडिया. मोदी का नया डिजाइन क्या है, इसको समझने की बहुत जरूरत है. चुनाव के जो नतीजे आए थे, उसके बाद यह सवाल था कि जो नया नरैटिव बन रहा था, उसमें मोदी क्या करेंगे और कैसे करेंगे? लेकिन इस भाषण के बाद ऐसा लगा कि जोशीले मोदी अब वापस लौटे हैं. उन्होंने जो विकसित भारत की बात कही है, यह कुछ-कुछ एनडीटीवी के शो लेफ्ट ,राइट सेंटर की तरह ही है. पीएम ने लेफ्ट, राइट और सेंटर के स्पेस को भरने और विकास यात्रा को और मजबूती और समावेशी नजरिए से आगे बढ़ने का बड़ा फ्रेमवर्क दिया है..
विकसित भारत के बाद स्वर्णिम भारत
PM मोदी ने अपने भाषण में एक शब्द स्वर्णिम भारत का जिक्र बार-बार किया. उन्होंने भारत के लोगों की नई ऊर्जा को बढ़ाने और प्रेरित करने के लिए एक ऐक्शन पैक्ड अजेंडा रखा. जैसे की रोजगार के लिए अब क्या करने की जरूरत है, इसके लिए उन्होंने विजिबल इंफ्रास्ट्रक्चर के आगे इनविजिबल इंफ्रास्ट्रक्चर (सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर) यानी की गवर्नेंस की जो जीतें दिखलाई नहीं पड़ती हैं, पर फोकस किया है.
रिफॉर्म का नया मॉडल
PM मोदी के भाषण को गौर से सुना जाए तो उसमें एक नया अजेंडा शामिल दिखता है. उनके भाषण के इस अंश पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने जाहिर किया कि लोकल सेल्फ गवर्नेंस और स्टेट लेवल पर अगर तेजी से काम नहीं होगा, तो भारत के महत्वाकांक्षी अजेंडा को पानी में बहुत समस्याएं आ सकती हैं. यही वजह है कि उन्होंने अपने भाषण में गवर्नेंस की 3 लाख यूनिट्स का जिक्र किया.ये तीन लाख यूनिट्स अगर दो-दो रिफॉर्म्स भी करें, तो 30 लाख रिफॉर्म हो सकते हैं.
सुधारों पर साफ-साफ बात
पीएम मोदी ने अपने भाषण में रिफॉर्म पर भी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि सरकार के सुधार पिंक पेपर के भारी भरकम आर्थिक खबर बनाने वाले घटनाक्रम नहीं हैं. यह बहुत गहराई वाला काम होने वाला है. इसके लिए नए किस्म के रिफॉर्म आएंगे, जो हर इंसान की जिंदगी पर बहुत असर डालेंगे.
कॉमन सिविल कोड और सेक्युलर पर जोर
अपने अब तक के इस सबसे लंबे स्वतंत्रता दिवस भाषण में जोशीले मोदी का पुराना अंदाज लौटता दिखाई दिया. उनके भाषण में कॉमन सिविल कोड का भी जिक्र था. इस हिस्से को अगर हम देखें तो उन्होंने कहा कि कम्युनल शब्द का इस्तेमाल न करें. सेक्युलर शब्द का इस्तेमाल करें. यह सबसे बड़ी हेडलाइन है.
करप्शन के खिलाफ जंग जारी रहेगी
पीएम मोदी के भाषण से दूसरी बड़ी हेडलाइन यह निकली है कि जो लोग भारत की तरक्की से परेशान, निराशावादी हैं,भ्रष्टाचारवादी हैं, परिवारवादी हैं, उन पर उनका हमला जोर शोर से रहने वाला है. पीएम मोदी की इस चेतावनी को पिछले दिनों के घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा सकता है. भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जंग जारी रहने वाली है, यह बात हालांकि वह पहले भी कह चुके हैं, लेकिन इसमें गौर करने वाली बात यह रहेगी कि आने वाले दिनों में क्या होता है.
बिहार और नालंदा का जिक्र
PM मोदी अपने भाषण में आमतौर पर वह बहुत सारे इलाकों और वर्गों की बात करते रहे हैं. लेकिन स्वतंत्रता दिवस के इस पूरे भाषण में उन्होंने एक राज्य और एक शहर का जिक्र किया. वह था बिहार और नालंदा.यह दरअसल एजुकेशन के बारे में था.