नई दिल्ली। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को मार्केट रेगुलेटर सेबी की मौजूदा चीफ माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से दावा किया कि माधवी बुच और उनके पति की उस ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी, जिसका इस्तेमाल अदाणी ग्रुप (Adani Group) में धन की हेराफेरी के लिए किया गया।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, बरमूडा और मॉरीशस में स्थित इन फंडों पर कथित तौर पर गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी का नियंत्रण था। इनका इस्तेमाल फंड में हेरफेर करने और स्टॉक की कीमतों को बढ़ाने के लिए किया जाता था। अब हिंडनबर्ग के आरोपों पर सेबी चीफ और अदाणी ग्रुप ने स्पष्टीकरण जारी किया है।
सेबी चीफ माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि उनका वित्तीय लेन-देन एक खुली किताब की तरह है, जो हमेशा से सबके सामने है। बुच दंपती ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘सेबी ने गैरकानूनी बातों के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ एक्शन लिया है और उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लेकिन, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी के सवालों का जवाब देने के बजाय हमारा चरित्र हनन करने की कोशिश की है।’