नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने दो पहलुओं को रेखांकित किया है. न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘‘हम दोनों पक्षों से दो पहलुओं पर विचार करने के लिए कहना चाहते हैं. पहला, क्या हमें इस पर विचार करना चाहिए या इसे उच्च न्यायालय को सौंप देना चाहिए? दूसरा, संक्षेप में बताएं कि आप वास्तव में क्या आग्रह कर रहे हैं और क्या तर्क देना चाहते हैं?” उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा बिंदु हमें पहले मुद्दे पर निर्णय लेने में कुछ हद तक मदद कर सकता है. ”
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं और इस मामले की सुनवाई जारी है. एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी), जमीयत उलमा-ए-हिंद, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद की याचिकाओं सहित 72 याचिकाएं अधिनियम की वैधता को चुनौती देने के लिए दायर की गई हैं. केंद्र ने 8 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय में एक ‘कैविएट’ दायर कर मामले में कोई भी आदेश पारित करने से पहले सुनवाई की अपील की थी.