राज्यसभा में बजट को लेकर तीखी बहस: टीएमसी और केंद्रीय वित्त मंत्री के बीच आमने-सामने

राज्यसभा में बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं के बीच बजट को लेकर तीखी बहस हुई। बहस का मुख्य मुद्दा पश्चिम बंगाल को केंद्रीय बजट में विशेष उल्लेख न मिलने और केंद्र से फंड जारी न होने को लेकर था। वित्त मंत्री ने टीएमसी के इस आरोप का जवाब देते हुए कहा, “पिछले 10 वर्षों से बंगाल ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली कई केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू नहीं किया है और अब यह मुझसे सवाल पूछने का साहस करता है।”

टीएमसी ने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष-शासित राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और पंजाब के लिए कोई विशेष लाभ नहीं दिए गए हैं। टीएमसी ने केंद्रीय बजट को ‘आंध्रा-बिहार’ बजट कहा, जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने अपने सहयोगियों, जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी को खुश रखने का प्रयास किया है। टीएमसी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालते हुए केंद्रीय बजट 2024 को काटकर ‘आंध्रा-बिहार बजट’ लिखा। टीएमसी नेता सुष्मिता देव ने कहा, “सबसे पहले कृपया बंगाल के फंड को जारी करें। 1.6 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं।

बेरोजगारी एक ऐसा मुद्दा है जिसे सरकार ने अनदेखा कर दिया है। वित्त मंत्री को इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए।” उन्होंने एक सीरीज पोस्ट में यह भी बताया कि अपडेटेड जनगणना अभी तक जारी नहीं की गई है और इसके बिना केंद्रीय बजट का कोई अर्थ नहीं है। टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने भी एक्स पर लिखा, “यह बजट पूरी तरह से विफल है, बिना किसी गारंटी के, एक असफल वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया है। बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को रिश्वत देने और सरकार के विफल होने से पहले समय खरीदने के लिए बजट तैयार किया है, बजाय कि बेरोजगारी, बढ़ती कीमतें और बढ़ती महंगाई जैसे जरूरी मुद्दों का समाधान करने के।” केंद्रीय मंत्री ने भी विपक्ष के ‘कुर्सी बचाओ’ के आरोप का जवाब दिया और कहा कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष आवंटन मिलने का मतलब यह नहीं है कि अन्य राज्यों को केंद्र से कोई फंड नहीं मिलेगा।

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